“पावन सेवा, सच्चा सम्मान”— Guru Tegh Bahadur Ji से जुड़े 142 गांवों के Development के लिए Punjab Government ने दिए 71 Crore रुपये

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन 142 गांवों और शहरों के लिए 71 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की, जहां गुरु साहिब ने अपने जीवनकाल में चरण-स्पर्श किया था।

Nov 24, 2025 - 09:04
“पावन सेवा, सच्चा सम्मान”— Guru Tegh Bahadur Ji से जुड़े 142 गांवों के Development के लिए Punjab Government ने दिए 71 Crore रुपये

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन 142 गांवों और शहरों के लिए 71 करोड़ रुपये की ग्रांट जारी की, जहां गुरु साहिब ने अपने जीवनकाल में चरण-स्पर्श किया था। यह राशि इन पवित्र स्थलों और आसपास के इलाकों के विकास, सफाई-सुंदरता और सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए दी गई है।

सरकार की ओर से श्रद्धा का प्रतीक

धूरी में आयोजित चेक वितरण समारोह में मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह कदम पंजाब सरकार की तरफ से गुरु साहिब के प्रति श्रद्धांजलि है।
उन्होंने कहा कि गुरु जी की महान शहादत और मानवता के लिए किए गए बलिदान के आगे ये प्रयास भले छोटे हों, लेकिन सरकार पूरी निष्ठा और भाव के साथ अपनी जिम्मेदारी निभा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 71 करोड़ रुपये से इन गांवों में निम्न कार्य किए जाएंगे:

  • बुनियादी ढांचे का विकास
  • सड़कों और रास्तों का सौंदर्यीकरण
  • संगत (लोगों) के लिए बेहतर सुविधाएं
  • पवित्र स्थलों तक पहुंच में सुधार
  • अन्य जरूरी विकास कार्य

उन्होंने कहा कि यह कदम गुरु साहिब जी के पवित्र स्थलों को और भी बेहतर बनाने की दिशा में बड़ा और अहम फैसला है।

गुरु तेग बहादुर जी के संदेश आज भी उतने ही ज़रूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की।
उनका संदेशशांति, भाईचारा, प्रेम और इंसानियतआज के समय में भी बहुत प्रासंगिक है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे गुरु साहिब जी द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलें और समाज में प्रेम और एकता को बढ़ावा दें।

23 से 25 नवंबर तक आनंदपुर साहिब में बड़े कार्यक्रम

श्री आनंदपुर साहिब में 23 से 25 नवंबर तक वृहद पैमाने पर कार्यक्रम हो रहे हैं।
इन कार्यक्रमों में शामिल हैं:

  • कीर्तन दरबार
  • प्रदर्शिनियां
  • ड्रोन शो
  • इंटर-फेथ (अंतर-धर्म) सम्मेलन
  • संगत के ठहरने के लिए चक नानकीटेंट सिटी
  • पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र (24 नवंबर)
  • बड़े स्तर पर पौधारोपण
  • राज्य स्तरीय रक्तदान शिविर
  • सरबत दा भला एकत्रता कार्यक्रमजिसमें देश-विदेश की प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि संगत की सुविधा के लिए सभी प्रबंध पूरे कर लिए गए हैं।

नगर कीर्तनों का सफरपूरे पंजाब में फैली श्रद्धा

गुरु साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित नगर कीर्तन पूरे राज्य में श्रद्धा का माहौल बना रहे हैं।

1.श्रीनगर से बड़ा नगर कीर्तन (19 नवंबर)

यह नगर कीर्तन
जम्मू पठानकोट दसूहा होशियारपुर माहिलपुर गढ़शंकर
से गुजरता हुआ 22 नवंबर को श्री आनंदपुर साहिब पहुंच रहा है।

2. 20 नवंबर को तीन और नगर कीर्तन निकले:

  • तख्त श्री दमदमा साहिब (तलवंडी साबो)
  • फरीदकोट
  • गुरदासपुर

ये तीनों भी 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब में एक साथ पहुंचेंगे।

नगर कीर्तन के साथ संगत की सुविधा के लिए:

  • एम्बुलेंस
  • डिजिटल म्यूज़ियम
  • लंगर
  • सुरक्षा व्यवस्था
    की पूरी तैयारी की गई है।

25 अक्टूबर से चलते आ रहे श्रद्धा के कार्यक्रम

इन ऐतिहासिक आयोजनों की शुरुआत 25 अक्टूबर को दिल्ली के गुरुद्वारा सीस गंज साहिब से हुई थी।
इसी दिन गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में भी बड़ा कीर्तन दरबार हुआ।

1 नवंबर से 18 नवंबर

पंजाब के सभी जिलों में लाइट एंड साउंड शो किए गए, जिनमें गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, विचार और शहादत को लोगों को आसान तरीके में दिखाया गया।

दुनियाभर के आध्यात्मिक नेताओं को आमंत्रण

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दुनिया के अलग-अलग देशों के आध्यात्मिक नेताओं और संतों से सुझाव लिए गए और उन्हें योगदानीय भूमिका निभाने का निमंत्रण भी दिया गया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के लिए यह सौभाग्य की बात है कि अपने कार्यकाल के दौरान ऐसे बड़े और पवित्र आयोजन करवाने का अवसर मिला है।

यह पूरा आयोजन गुरु साहिब जी के जीवन, दर्शन और मानवता के संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक बड़ा और ऐतिहासिक प्रयास है।
पंजाब सरकार की ओर से 142 गांवों को दी गई 71 करोड़ की ग्रांट यह दिखाती है कि राज्य सरकार गुरु जी की याद को सिर्फ कार्यक्रमों तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि उनके चरण-स्पर्श प्राप्त गांवों और पवित्र स्थलों के विकास को लेकर भी गंभीर है।