CJI Surya Kant का बड़ा कदम: Supreme Court में VIP culture खत्म, Senior lawyers के shortcuts और influence पर रोक
भारत के चीफ जस्टिस (CJI) Surya Kant ने सुप्रीम कोर्ट में VIP Culture और गैर-ज़रूरी रुकावटों को पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया है। कोर्ट में अब “मैं पहला हूँ, मेरा केस पहले सुनो” जैसी चीजें नहीं चलेगी। इससे कोर्ट की प्रक्रिया ज़्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष हो जाएगी।
भारत के चीफ जस्टिस (CJI) Surya Kant ने सुप्रीम कोर्ट में VIP Culture और गैर-ज़रूरी रुकावटों को पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया है। कोर्ट में अब “मैं पहला हूँ, मेरा केस पहले सुनो” जैसी चीजें नहीं चलेगी। इससे कोर्ट की प्रक्रिया ज़्यादा पारदर्शी और निष्पक्ष हो जाएगी।
VIP Culture खत्म, नए नियम लागू
· अब सुप्रीम कोर्ट में कोई भी केस अगर urgent है, तो उसे oral mention या जोर-जबरदस्ती से नहीं बल्कि written process के जरिए ही लिस्ट किया जाएगा।
· Senior lawyers अब “Take my case first” जैसी बातें नहीं कर पाएंगे।
· Junior lawyers को भी साफ चेतावनी दी गई है कि केस की मांग सिर्फ exceptional situations में ही की जा सकती है।
यानी अब हर किसी को equal chance मिलेगा और कोई shortcut नहीं चलेगा।
Automatic listing: urgent cases जल्दी सुनवाई के लिए
· CJI ने कहा कि urgent cases जैसे बेल, हिबीस कॉर्पस, मौत की सजा या eviction-related cases, automatic listing में आएंगे।
· ऐसे cases, अगर registry में submit किए गए हैं, तो 2 working days में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होंगे।
· सामान्य cases अब routine process से ही सूचीबद्ध होंगे। इससे line jumping और favoritism पूरी तरह खत्म होगा।
क्यों ये बदलाव ज़रूरी थे?
· लंबे समय से complaints आती रही हैं कि सुप्रीम कोर्ट में lobby और influence के आधार पर कुछ cases तुरंत सुनवाई में आ जाते थे।
· इससे आम लोगों या छोटे वकीलों का न्याय मिलने में delay होता था।
· CJI Surya Kant का कहना है कि कोर्ट में लंबित मामलों की संख्या बहुत ज़्यादा है, और ये reforms justice delivery को तेज और fair बनाएंगे।
NJAC और Collegium system पर संकेत
· CJI Surya Kant ने ये भी संकेत दिए हैं कि Supreme Court Collegium system पर पुनर्विचार कर सकता है और NJAC (National Judicial Appointments Commission) को फिर से लागू करने पर विचार हो सकता है।
· अगर ये हुआ, तो judges की appointments process में transparency और democratic participation बढ़ सकता है।
· ये संकेत legal ecosystem में बहुत बड़ी खबर माने जा रहे हैं क्योंकि इससे judiciary की व्यवस्था में बड़ा बदलाव हो सकता है।
CJI Surya Kant का नया अंदाज़
· Surya Kant ने 24 नवंबर 2025 को भारत के 53वें CJI के रूप में शपथ ली।
· पहले ही दिन उन्होंने 17 cases की सुनवाई की और दिखा दिया कि ये reforms सिर्फ बातों तक नहीं, action में भी हैं।
· उनके फैसले और सुधारों से कोर्ट में कमीशन, favoritism, और लंबित मामलों की समस्या पर असर पड़ेगा।
नए नियमों का असर
· अब कोई भी lawyer सिर्फ अपना influence दिखाकर case नहीं जल्दी सुना सकता।
· हर urgent matter की automatic listing होगी, जिससे आम जनता को भी justice जल्दी मिलेगा।
· Collegium system के बदलने की संभावनाओं से judges की appointments और judiciary की transparency पर बड़ा असर पड़ सकता है।
CJI Surya Kant के ये reforms साबित करते हैं कि Supreme Court को modern, transparent और fair बनाने का काम शुरू हो गया है। Legal world में ये बदलाव system-shaking माने जा रहे हैं और आने वाले दिनों में इनका असर हर level पर देखने को मिलेगा।