H-1B Visa के लिए अब Social Media Accounts Public करना होगा, 15 December से New Rule लागू

अमेरिका में H-1B वीजा लेने वालों के लिए बड़ा बदलाव आने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती करते हुए आदेश दिए हैं कि अब आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा।

Dec 5, 2025 - 14:41
H-1B Visa के लिए अब Social Media Accounts Public करना होगा, 15 December से New Rule लागू

अमेरिका में H-1B वीजा लेने वालों के लिए बड़ा बदलाव आने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती करते हुए आदेश दिए हैं कि अब आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा। इसका मतलब है कि अमेरिकी अधिकारी आपके सोशल मीडिया प्रोफाइल, पोस्ट और लाइक्स देख सकेंगे। अगर कोई भी गतिविधि अमेरिकी हितों के खिलाफ पाई गई, तो H-1B वीजा नहीं मिलेगा।

इस नियम का असर H-1B के आश्रितों यानी पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स के लिए दिए जाने वाले H-4 वीजा पर भी पड़ेगा। यानी उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी पब्लिक करना जरूरी होगा। यह पहला मौका है जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच अनिवार्य की गई है। नए नियम 15 दिसंबर 2025 से लागू होंगे।

इससे पहले अगस्त 2025 से ही स्टडी वीजा (F-1, M-1, J-1) और विजिटर वीजा (B-1, B-2) के लिए भी सोशल मीडिया पब्लिक करना अनिवार्य कर दिया गया है।

H-1B वीजा क्या है?

H-1B वीजा हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स जैसे डॉक्टर, इंजीनियर और सॉफ्टवेयर प्रोफेशनल्स को अमेरिका में काम करने के लिए मिलता है। यह वीजा पहली बार 1990 में अमेरिकी कांग्रेस ने शुरू किया था।

·         भारतीयों पर असर: हर साल जारी किए जाने वाले H-1B वीजा में से लगभग 70% भारतीय प्रोफेशनल्स को मिलता है, इसलिए नया नियम सबसे ज्यादा भारतीयों को प्रभावित करेगा।

·         वीज़ा फीस: पहले इसकी फीस लगभग $9,000 थी। सितंबर 2025 में इसे बढ़ाकर लगभग ₹90 लाख कर दिया गया।

·         अवधि: H-1B वीजा 3 साल के लिए जारी होता है और दो बार बढ़ाया जा सकता है, यानी कुल 6 साल। इसके बाद आवेदक ग्रीन कार्ड यानी अमेरिका की स्थायी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।

ट्रम्प का रवैया H-1B वीजा पर

ट्रम्प का H-1B वीजा पर रवैया कभी हां और कभी ना वाला रहा है।

·         2016 में उन्होंने कहा था कि यह वीजा अमेरिकी हितों के खिलाफ है।

·         2019 में वीजा का एक्सटेंशन रोक दिया गया था।

·         लेकिन हाल ही में उन्होंने कहा कि अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है।

नए वीजा कार्ड्स

H-1B वीजा में बदलाव के अलावा ट्रम्प ने तीन नए वीजा कार्ड भी लॉन्च किए हैं:

1.      Trump Gold Cardकीमत ₹8.8 करोड़, यह कार्ड धारक को अमेरिका में हमेशा रहने का अधिकार देगा।

2.      Trump Platinum Card

3.      Corporate Gold Card

भारतीय टेक प्रोफेशनल्स और H-1B

भारत हर साल लाखों इंजीनियर और कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट तैयार करता है। ये प्रोफेशनल्स अमेरिका की टेक इंडस्ट्री में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इंफोसिस, TCS, विप्रो, कॉग्निजेंट और HCL जैसी कंपनियां सबसे ज्यादा H-1B स्पॉन्सर करती हैं।

अब बढ़ी हुई फीस और सोशल मीडिया नियम की वजह से भारतीय टैलेंट यूरोप, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और मिडिल ईस्ट के देशों की तरफ रुख कर सकता है।

15 दिसंबर से H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया जांच अनिवार्य हो जाएगा। भारतीय प्रोफेशनल्स पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। वीजा की बढ़ी हुई फीस और नई पॉलिसी को देखते हुए अब अमेरिका में काम करने के विकल्प और चुनौतियां बदलने वाली हैं।