नई दिल्ली की सशक्त महिला नेता सुमित्रा दहिया का राजनीतिक और सामाजिक सफर

सुमित्रा दहिया, एक अनुभवी राजनीतिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता, सार्वजनिक सेवा और महिला सशक्तिकरण की सशक्त आवाज़ बनकर उभरी हैं। राजनीति, जमीनी आंदोलनों और मानवीय अभियानों में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन्हें समाज में एक अलग पहचान दिलाई है।

नई दिल्ली की सशक्त महिला नेता सुमित्रा दहिया का राजनीतिक और सामाजिक सफर
नई दिल्ली की सशक्त महिला नेता सुमित्रा दहिया का राजनीतिक और सामाजिक सफर

नई दिल्ली: सुमित्रा दहिया, एक अनुभवी राजनीतिक नेता और सामाजिक कार्यकर्ता, सार्वजनिक सेवा और महिला सशक्तिकरण की सशक्त आवाज़ बनकर उभरी हैं। राजनीति, जमीनी आंदोलनों और मानवीय अभियानों में उनकी सक्रिय भागीदारी ने उन्हें समाज में एक अलग पहचान दिलाई है।

राजनीतिक सफर और नेतृत्व

भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में, सुमित्रा दहिया ने पार्टी निर्माण की कई महत्त्वपूर्ण पहलों—जैसे राष्ट्रीय सदस्यता अभियान 2024, समरसता अभियान और पोषण अभियान—में अहम भूमिका निभाई। वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में मालवीय नगर विधानसभा की संयोजक के रूप में उन्होंने मतदाताओं को जोड़ने के लिए अथक परिश्रम किया, जिसका सीधा योगदान पार्टी की जीत में देखने को मिला।

संगठन निर्माण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उल्लेखनीय है। उनके नेतृत्व में आठ राज्यों में हज़ारों महिलाएँ भाजपा से जुड़ीं। वहीं, केवल दक्षिण दिल्ली में ही उन्होंने स्वयं 15,000 से अधिक नए सदस्यों को जोड़ा, जो अभियान की सबसे बड़ी व्यक्तिगत उपलब्धियों में गिनी जाती है।

उपलब्धियाँ और आंदोलन

सुमित्रा दहिया अनेक जनआंदोलनों की अगुवाई कर चुकी हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा ईंधन पर लगाए गए वैट की वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन किया और लंबित वेतन को लेकर एमसीडी कर्मचारियों के आंदोलन का सक्रिय समर्थन किया। बीते एक दशक से वे मालवीय नगर के आप विधायक सोमनाथ के खिलाफ लगातार आवाज़ उठा रही हैं।

उनकी सक्रियता राजनीति से आगे भी दिखती है। उन्होंने रक्तदान शिविर, वृक्षारोपण अभियान, दहेज विरोधी अभियान और भ्रूण हत्या जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में सैनिटाइज़र, मास्क, भोजन और फल वितरित कर मानवीय संवेदना का परिचय दिया।

सम्मान और प्रभाव

सोशल मीडिया पर उनकी सशक्त उपस्थिति है—फेसबुक पर 4 लाख से अधिक फॉलोअर्स, साथ ही ट्विटर, इंस्टाग्राम और NaMo App पर भी उल्लेखनीय फॉलोइंग। डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ाव को और मजबूत किया है।

उनके योगदानों को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। वे हरियाणा की पहली महिला बनीं जिन्हें परंपरागत पगड़ी से सम्मानित किया गया—जो नेतृत्व और सम्मान का प्रतीक है। इसके अलावा उन्होंने नाटकों, वाद-विवाद और निबंध प्रतियोगिताओं में संस्थानों का प्रतिनिधित्व किया और खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए बैडमिंटन, बास्केटबॉल, वॉलीबॉल और टेबल टेनिस में स्वर्ण पदक जीते।

व्यक्तिगत जीवन

5 अक्तूबर 1963 को जन्मी सुमित्रा दहिया ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से स्नातकोत्तर और बी.एड. की डिग्री प्राप्त की है। उनका विवाह प्रोफेसर एच.पी. दहिया से हुआ है, जो एमडीयू रोहतक के रसायन विभाग के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं और वर्तमान में जयपुर स्थित आईआईएस विश्वविद्यालय के सरकारी नामित सदस्य हैं।

सेवा का संकल्प

अंत्योदय—समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से जोड़ने के सिद्धांत से प्रेरित होकर सुमित्रा दहिया लगातार सार्वजनिक सेवा, महिला सशक्तिकरण और समावेशी विकास के लिए कार्यरत हैं। उनका राजनीतिक कौशल, सामाजिक सक्रियता और सामुदायिक सेवा का अनोखा संगम उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक प्रमुख चेहरा बनाता है।