महासमुंद में RDSS योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, घटिया सामग्री और सुरक्षा की कमी

ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी रोकने और बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए महासमुंद जिले में आरडीएसएस (रिविवेपिंग डेल्पमेंट) योजना के तहत काम चल रहा है। इस योजना के तहत एल्युमिनियम तार हटाकर केबल तार लगाए जा रहे हैं, फीडर एग्रीगेशन और पंप लाइन को अलग किया जा रहा है।

महासमुंद में RDSS योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, घटिया सामग्री और सुरक्षा की कमी
महासमुंद में RDSS योजना में भ्रष्टाचार का आरोप, घटिया सामग्री और सुरक्षा की कमी

महासमुंद / संतराम कुर्रे : ग्रामीण इलाकों में बिजली चोरी रोकने और बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए महासमुंद जिले में आरडीएसएस (रिविवेपिंग डेल्पमेंट) योजना के तहत काम चल रहा है। इस योजना के तहत एल्युमिनियम तार हटाकर केबल तार लगाए जा रहे हैं, फीडर एग्रीगेशन और पंप लाइन को अलग किया जा रहा है।

119 करोड़ रुपए का ठेका:

इस काम के लिए सीएसपीडीएल कार्यालय के आरडीएसएस शाखा महासमुंद द्वारा जिले में 119 करोड़ रुपए का ठेका वाराणसी की कंपनी ए.के. इंफ्रा पावर प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।

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आरोप:

लेकिन आरोप है कि ठेकेदार कंपनी इस काम में मनमानी कर रही है, घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रही है 

मजदूरों की सुरक्षा पर भी सवाल:

इतना ही नहीं, इस कार्य में कार्यरत मजदूरों को बिना किसी सेफ्टी किट के खंभों में काम करने के लिए भी लगाया जा रहा है।

विशेष:

  • ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का इस्तेमाल: आरोप है कि ठेकेदार कंपनी घटिया गुणवत्ता वाले तार और अन्य सामग्री का उपयोग कर रही है।
  • मजदूरों की सुरक्षा की अनदेखी: मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के काम पर लगाया जा रहा है, जिससे उनके दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है।
  • अनुचित पर्यवेक्षण: योजना की निगरानी के लिए केवल एक अधिकारी तैनात है, जिसके कारण पूरे जिले में चल रहे काम पर उचित पर्यवेक्षण नहीं हो पा रहा है।
  • भ्रष्टाचार का आरोप: इन आरोपों के आधार पर, यह माना जा रहा है कि योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है।

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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया:

स्थानीय लोगों ने ठेकेदार कंपनी की मनमानी और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि इस योजना से ग्रामीणों को लाभ नहीं मिल रहा है, बल्कि यह भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है।