Mission Chardhi Kala: Punjab Government ने बाढ़ पीड़ितों को दिया सबसे बड़ा और सबसे तेज़ compensation, 1,143 गांवों तक पहुँची राहत
पंजाब में बाढ़ ने इस बार कई गांवों में बड़ा नुकसान किया—किसानों की फसलें बर्बाद हुईं, घर टूटे, पशुओं की मौत हुई और लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी पूरी तरह प्रभावित हो गई।
पंजाब में बाढ़ ने इस बार कई गांवों में बड़ा नुकसान किया—किसानों की फसलें बर्बाद हुईं, घर टूटे, पशुओं की मौत हुई और लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी पूरी तरह प्रभावित हो गई। लेकिन इस मुश्किल घड़ी में पंजाब सरकार ने लोगों को अकेला नहीं छोड़ा। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में आम आदमी पार्टी की सरकार ने “मिशन चढ़दी कला” शुरू किया, जिसका मकसद था—हर बाढ़ पीड़ित तक तेज़, साफ-सुथरी और सीधे खाते में राहत पहुँचाना।
राहत का बड़ा पैमाना – 1,143 गांवों में मदद
सरकार ने अब तक 1,143 गांवों में राहत पहुंचा दी है। सबसे खास बात यह है कि पैसे सीधे लोगों के बैंक खातों में भेजे गए हैं—
न बिचौलिया, न रिश्वत, न देरी।
तीसरे चरण के सिर्फ दो दिनों में 35 करोड़ रुपये बांटे गए, और चौथे दिन अकेले 17 करोड़ रुपये और दिए गए। अमृतसर, फाजिल्का, फिरोजपुर, गुरदासपुर, जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर, मानसा, संगरूर और SBS नगर में करीब 70 जगहों पर राहत वितरण कार्यक्रम हुए।
जिलेवार राहत – नेता खुद मैदान में
सरकार के मंत्री और विधायक खुद गांवों में पहुँचकर राहत दे रहे हैं।
· फिरोजपुर: 3,000 किसानों को 16.68 करोड़ रुपये
· डेरा बाबा नानक: 935 परिवारों को 3.71 करोड़ रुपये
· अजनाला: 1,330 किसानों को 5.86 करोड़ रुपये
· श्री आनंदपुर साहिब: 2.26 करोड़ रुपये की राहत
· कपूरथला (सुल्तानपुर लोधी): दो गांवों को 40 लाख रुपये के मंजूरी पत्र
· धर्मकोट: 1,350 लोगों को 5.83 करोड़ रुपये
· अमृतसर (लोपोके): 4 गांवों में 26 लाख रुपये की राहत
· फाजिल्का: किसानों को 1.57 करोड़ रुपये
· तलवंडी साबो – मौड़: 380 लोगों को राहत
हर जगह नेता खुद मौजूद थे—यह दिखाता है कि सरकार सिर्फ ऑफिस में बैठकर नहीं, बल्कि ग्राउंड लेवल पर काम कर रही है।
सबसे बड़ा मुआवज़ा – पूरे देश में नंबर 1
पंजाब सरकार ने देश में सबसे ज्यादा मुआवज़ा तय किया है:
घर का नुकसान
· पहले: 6,500 रुपये
· अब: 40,000 रुपये
फसल का नुकसान
· 20,000 रुपये प्रति एकड़ (देश में सबसे ज्यादा)
पशुओं का नुकसान
· दुधारू पशु: 37,500 रुपये
· गैर-दुधारू पशु: 32,000 रुपये
· बछड़ा: 20,000 रुपये
· पोल्ट्री पक्षी: 100 रुपये
यह बदलाव दिखाता है कि सरकार ने लोगों के असली दर्द को समझा है और उनकी भरपाई ईमानदारी से की है।
Corporate Sector भी आगे आया
बड़ी कंपनियां और बैंक भी इस मिशन का हिस्सा बने:
· L&T (लार्सन एंड टुब्रो) → 5 करोड़ रुपये
· Union Bank → 2 करोड़ रुपये
सरकार ने कहा है कि हर पैसे का पूरा हिसाब पब्लिक में दिया जाएगा—
No corruption, only transparency.
किसानों के लिए ऐतिहासिक योजना: “जिसदा खेत, उसदी रेत”
देश में पहली बार, पंजाब ने एक नई स्कीम शुरू की है:
जिस जमीन पर रेत जमा हुई है, उस जमीन के मालिक — यानी किसान — अब खुद वह रेत निकाल सकते हैं।
इससे फायदा:
· खेतों की रेत निकल जाएगी
· जमीन फिर से खेती लायक हो जाएगी
· रेत बेचकर किसान को सीधे इनकम भी होगी
यह योजना बाढ़ के बाद किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है।
लोगों की भावनाएँ – दिल को छू लेने वाली कहानियाँ
एक किसान ने कहा:
“पूरी फसल बर्बाद हो गई थी, लगता था सब खत्म। लेकिन सरकार ने सिर्फ तीन दिन में मुआवज़ा दे दिया। ऐसा पहली बार हुआ है!”
एक महिला ने बताया:
“मेरी दो भैंसें डूब गई थीं। घर में रोना-धोना था। लेकिन सरकार ने 75,000 रुपये दे दिए। अब मैं नई भैंस खरीद सकती हूं।”
ऐसी सैकड़ों कहानियाँ हैं जो बताती हैं कि यह योजना सिर्फ राहत नहीं, बल्कि लोगों के लिए उम्मीद बनकर आई है।
मिशन चढ़दी कला – पंजाब में नई शुरुआत
आज “चढ़दी कला” सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि पंजाब की असली तस्वीर बन गया है।
सरकार ने दिखा दिया है कि:
· नीयत साफ हो
· काम तेज़ हो
· और दिल में जनता के लिए प्यार हो
तो सबसे बड़ा संकट भी नई शुरुआत बन सकता है।
मिशन चढ़दी कला ने पंजाब को फिर से खड़ा किया है — हौसले से, विश्वास से और ईमानदारी से।
अगर आप चाहें तो मैं इस लेख का छोटा सोशल मीडिया कैप्शन, वीडियो स्क्रिप्ट या बुलेट-पॉइंट न्यूज़ वर्ज़न भी तैयार कर दूँ।