MP Malvinder Kang का आरोप – Delhi के दबाव में Punjab University ने Guru Tegh Bahadur Sahib पर Seminar रद्द किया

Oct 28, 2025 - 10:11
MP Malvinder Kang का आरोप – Delhi के दबाव में Punjab University ने Guru Tegh Bahadur Sahib पर Seminar रद्द किया

श्री आनंदपुर साहिब से आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद मालविंदर सिंह कंग ने पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी ने श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी की 350वीं शहादत को समर्पित सेमिनार को दिल्ली के दबाव में रद्द किया है।

कंग ने इसे बेहद दुर्भाग्यपूर्णऔर दुखद फैसलाबताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला उन लोगों की सोच को दर्शाता है जो गुरु साहिब की विरासत और इतिहास को युवाओं तक पहुंचने से रोकना चाहते हैं।

सेमिनार का विषय और विवाद

27 अक्टूबर को पंजाब यूनिवर्सिटी में गुरु तेग बहादुर साहिब जी की शहादत पर एक सेमिनार आयोजित होना था। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आखिरी समय में इसकी इजाजत रद्द कर दी।
सूत्रों के मुताबिक, प्रशासन ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि कार्यक्रम में प्रसिद्ध सिख लेखक और चिंतक सरदार अजमेर सिंह को बतौर स्पीकर बुलाया गया था। कुछ लोगों ने उन्हें विवादास्पदकहकर आपत्ति जताई।

इस पर सांसद कंग ने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि सरदार अजमेर सिंह पिछले तीन दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में सक्रिय हैं, उन पर कोई केस नहीं है, और वे देश-विदेश की कई यूनिवर्सिटीज़ में लेक्चर दे चुके हैं।
कंग ने कहा – “अगर किसी स्कॉलर को बोलने से रोका जा रहा है, तो यह अकादमिक स्वतंत्रता (Academic Freedom) पर सीधा हमला है।

दिल्ली से दबाव है’ – मालविंदर कंग

मालविंदर कंग ने आरोप लगाया कि यह फैसला दिल्ली में बैठे राजनीतिक आकाओं के दबाव में लिया गया है।
उन्होंने कहा,

मुझे पता है कि वाइस चांसलर साहिब पर दिल्ली से दबाव डाला गया। केंद्र की बीजेपी सरकार नहीं चाहती कि गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत और उनकी प्रेरणादायक कहानी युवाओं तक पहुंचे।

कंग ने कहा कि एक तरफ देश हिंद की चादर की कुर्बानी को याद कर रहा है, दूसरी तरफ पंजाब की अपनी यूनिवर्सिटी में उनके इतिहास पर चर्चा करने से रोका जा रहा है।
उन्होंने इसे शहीद भाई जसवंत सिंह खालड़ा की तस्वीर हटाने जैसी घटनाओं की कड़ी बताया, जो पंजाब के युवाओं और सिख विरासत की आवाज को दबाने की कोशिश है।

कंग ने वाइस चांसलर को लिखा पत्र

मालविंदर कंग ने पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रो. रेनू विज्ज को एक औपचारिक चिट्ठी भी लिखी है।
उन्होंने मांग की कि सेमिनार की इजाजत तुरंत बहाल की जाए और यूनिवर्सिटी को किसी राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए।

उन्होंने कहा

गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए प्रेरणा है। उन्होंने धर्म, संस्कृति और मानवता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया। यूनिवर्सिटी को यह छोटी सोच छोड़कर इस कार्यक्रम को अनुमति देनी चाहिए।

कंग का यूनिवर्सिटी से जुड़ाव

मालविंदर कंग खुद पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र, दो बार के स्टूडेंट काउंसिल अध्यक्ष, और पूर्व सीनेट सदस्य रह चुके हैं।
उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब का इतिहास और योगदान PU के सिलेबस में शामिल होना चाहिए, ताकि युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सके और समाज में सकारात्मक बदलाव ला सके।

इस पूरे मामले ने यूनिवर्सिटी में अकादमिक स्वतंत्रता, धार्मिक विरासत और राजनीतिक दखलअंदाजी पर बहस छेड़ दी है।
एक तरफ सांसद कंग इसे गुरु साहिब की विरासत पर हमलाबता रहे हैं, वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन अब तक अपने फैसले पर चुप है।

लोगों का कहना है कि गुरु तेग बहादुर साहिब की शहादत पर चर्चा को रोकना इतिहास और शिक्षा दोनों के साथ नाइंसाफी है।
अब देखना होगा कि पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले में आगे क्या फैसला लेता है क्या वह सेमिनार की इजाजत बहाल करेगा, या अपने रुख पर कायम रहेगा।