Punjab Vidhan sabha का बड़ा फैसला: तीन Takht Sahib वाले शहर हुए ‘pavitar sahar’ घोषित, शराब–मांस की बिक्री completely banned
पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अमृतसर की वॉल्ड सिटी, तलवंडी साबो और श्री आनंदपुर साहिब—जहाँ सिखों के तीन प्रमुख तख्त साहिब स्थित हैं—को ‘पवित्र शहर’ (Holy City) घोषित कर दिया है।
पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अमृतसर की वॉल्ड सिटी, तलवंडी साबो और श्री आनंदपुर साहिब—जहाँ सिखों के तीन प्रमुख तख्त साहिब स्थित हैं—को ‘पवित्र शहर’ (Holy City) घोषित कर दिया है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि लोगों की यह मांग कई दशकों से उठ रही थी, जिसे अब सरकार ने पूरा कर दिया है।
क्यों घोषित किए गए पवित्र शहर?
मुख्यमंत्री ने बताया कि सिख धर्म के कुल पाँच तख्त साहिब हैं, जिनमें से तीन पंजाब में आते हैं—
- श्री अकाल तख्त साहिब, अमृतसर
- तख्त श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो (बठिंडा)
- तख्त श्री केसगढ़ साहिब, श्री आनंदपुर साहिब
ये शहर धार्मिक ही नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत के भी मजबूत प्रतीक हैं।
श्री आनंदपुर साहिब का इतिहास खास है। माना जाता है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने खुद यह शहर बसाया था और यहां के लिए जमीन भी खरीदी थी। उनके पुत्र श्री गुरु गोबिंद सिंह जी करीब 30 साल तक इसी पवित्र धरती पर रहे।
यही पर खालसा पंथ की स्थापना भी की गई थी। गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों में से तीन का जन्म यहीं हुआ था।
इन्हीं कारणों से लोग लंबे समय से इन जगहों को पवित्र शहर घोषित करने की मांग कर रहे थे।
अब क्या बदलेगा?
सरकार ने इन पवित्र शहरों में मांस, शराब, तंबाकू और सभी नशे के सामान की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार का कहना है कि यह फैसला किसी एक पार्टी या समुदाय का नहीं, बल्कि पंजाब की धार्मिक पहचान और विरासत को सुरक्षित रखने के लिए लिया गया है।
विधानसभा में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास
मुख्यमंत्री मान ने इस फैसले को पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव के रूप में प्रस्तुत किया, जिसे सभी विधायकों ने एकमत होकर मंज़ूर किया।
इसके अलावा, इन शहरों में एक सर्व–धर्म समिति बनाई जाएगी, जिसमें सभी धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि होंगे। यह समिति धार्मिक सौहार्द और शहरों के विकास से जुड़े मुद्दों पर काम करेगी।
धार्मिक पर्यटन और विकास पर ज़ोर
सरकार ने कहा कि—
- पवित्र शहरों में धार्मिक पर्यटन (religious tourism) बढ़ाया जाएगा
- साफ–सफाई, सुरक्षा, फुटपाथ, लाइटिंग, सड़कें, और ज़रूरी सुविधाएँ बेहतर की जाएँगी
- इसके लिए राज्य सरकार अलग बजट देगी
- केंद्र सरकार से भी फंड मांगे जाएंगे
सरकार का कहना है कि इन शहरों की विरासत को सांभालना आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहद ज़रूरी है।
गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित विशेष सत्र
यह फैसला ऐसे समय आया है जब पूरे पंजाब में श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में बड़े समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।
आज जो विधानसभा सत्र हुआ, वह भी इसी शहीदी दिवस को समर्पित था।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत विश्व इतिहास में अद्वितीय है, क्योंकि उन्होंने दूसरों के धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। गुरु साहिब मानव अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, मानवता, और भाईचारे के प्रतीक थे।
आने वाले समय में हर साल मनाया जाएगा शहीदी दिवस
मुख्यमंत्री ने बताया कि ये समारोह आगे भी जारी रहेंगे और गुरु साहिब के शहीदी दिवस को हर साल बड़े स्तर पर मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी पवित्र स्थलों पर व्यापक इंतज़ाम किए हैं ताकि लोग बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकें।
सरकार का संदेश
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे गुरु साहिब के दिखाए रास्ते—
मानवता, सेवा, न्याय और सच्चाई—पर चलें।
उन्होंने कहा कि इन पवित्र शहरों को विकसित करना सरकार की ही नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।