Trump के दबाव के बीच PM Modi ने ASEAN Summit का दौरा रद्द किया, India–US Trade Deal पर फोकस
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ और भारत–अमेरिका के बीच चल रही ट्रेड डील के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक मलेशिया में होने वाले ASEAN समिट में हिस्सा न लेने का फैसला किया। अब पीएम मोदी समिट को वर्चुअली संबोधित करेंगे।
क्यों रद्द हुआ पीएम का दौरा?
प्रधानमंत्री मोदी 20 अक्टूबर को क्वालालंपुर में ASEAN समिट में शामिल होने वाले थे। उसी दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दिवाली की शुभकामनाओं के लिए कॉल किया। इसके बाद विदेश मंत्रालय में कई दौर की बैठक हुई और तय हुआ कि प्रधानमंत्री समिट में नहीं जाएंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, दिवाली का औपचारिक कारण बताया गया, लेकिन असल वजह भारत–अमेरिका ट्रेड डील और ट्रम्प के दबाव से बचना थी। विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि डील फाइनल होने तक मीडिया में ट्रम्प के साथ मुलाकात नहीं होनी चाहिए।
ट्रेड डील की स्थिति
- भारत और अमेरिका के बीच बिलेट्रल ट्रेड एग्रीमेंट अंतिम चरण में है।
- समझौते की लीगल ड्रॉफ्टिंग, टैरिफ और नॉन-टैरिफ शर्तों पर काम चल रहा है।
- भारत चाहता है कि डील पूरी तरह फाइनल होने के बाद ही पीएम मोदी और ट्रम्प की फिजिकल मीटिंग हो।
ट्रम्प का दबाव और टैरिफ
- अप्रैल 2025 में अमेरिका ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया।
- अगस्त में रूस से तेल आयात के कारण अतिरिक्त 25% टैरिफ बढ़ा, कुल 50% टैरिफ।
- ट्रम्प चाहते हैं कि भारत रूस से तेल आयात घटाए और अमेरिका/साथी देशों से बढ़ाए।
- भारत ने कहा कि वह किसी भी देश के दबाव में नहीं आएगा।
पहले भी टाल चुके हैं पीएम मोदी
PM मोदी अब तक कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ट्रम्प से आमने-सामने नहीं मिले:
- UNGA 2025: न्यूयॉर्क में UN सेशन में ट्रम्प और अन्य नेताओं ने भाषण दिया, लेकिन पीएम मोदी नहीं गए।
- गाजा पीस प्लान समिट: मिस्त्र में विदेश मंत्रालय के राज्य मंत्री ने भारत का प्रतिनिधित्व किया।
इसका कारण था कि भारत–पाकिस्तान तनाव के बीच पीएम मोदी पाकिस्तान के PM शाहबाज शरीफ के साथ साझा मंच से बचना चाहते थे।
विशेषज्ञों की राय
- पूर्व राजदूत कंवल सिब्बल और केसी सिंह का कहना है कि यह सोची-समझी रणनीति थी।
- ब्रम्हा चेलानी के अनुसार, ट्रम्प की टैरिफ नीति और ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ के कारण दूरी बनाना सही फैसला था।
- प्रो. राजन राज और शिंदर पुरवाल ने कहा कि भारत ने किसानों और घरेलू हितों की प्राथमिकता रखी।
ट्रम्प के दबाव के पांच बड़े मौके
- अमेरिका ने अवैध भारतीयों को हथकड़ी लगाकर डिपोर्ट किया।
- भारत–पाकिस्तान सीजफायर का एकतरफा दावा।
- पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर से व्हाइट हाउस में बैठक।
- ऐतिहासिक 50% टैरिफ।
- वीज़ा और इमिग्रेशन नियमों में सख्ती।
निष्कर्ष
- पीएम मोदी ने ट्रेड डील फाइनल होने तक ट्रम्प से फिजिकल मीटिंग न करना ही बेहतर समझा।
- यह कदम भारत की रणनीति और घरेलू हितों की सुरक्षा को दर्शाता है।
- भारत–अमेरिका ट्रेड डील अब अंतिम चरण में है और दोनों देशों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है।
इस फैसले से साफ हो गया है कि भारत किसी भी दबाव में नहीं आएगा, और डील पूरी तरह फाइनल होने के बाद ही इंटरनेशनल मंच पर फिजिकल मीटिंग करेगा।
ST Desk