देश में पहली बार: Mann सरकार ने महिलाओं के लिए शुरू की सबसे Transparent और Reliable Sanitary Pad Scheme — ‘Navi Disha’

पंजाब की महिलाओं के लिए यह एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने ‘नवी दिशा’ योजना के ज़रिए महिलाओं को मुफ्त और बेहतरीन क्वालिटी के सेनेटरी पैड देने की शुरुआत की है। यह सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान और सुविधा को सबसे ऊपर रखने का फैसला है।

Nov 22, 2025 - 09:20
देश में पहली बार: Mann सरकार ने महिलाओं के लिए शुरू की सबसे Transparent और Reliable Sanitary Pad Scheme — ‘Navi Disha’

पंजाब की महिलाओं के लिए यह एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने नवी दिशायोजना के ज़रिए महिलाओं को मुफ्त और बेहतरीन क्वालिटी के सेनेटरी पैड देने की शुरुआत की है। यह सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान और सुविधा को सबसे ऊपर रखने का फैसला है।

क्या है नवी दिशायोजना?

इस योजना के तहत पंजाब सरकार हर महीने 13.65 लाख महिलाओं को 9 फ्री सेनेटरी पैड दे रही है। ये पैड न सिर्फ मुलायम और सुरक्षित हैं, बल्कि 100% बायोडिग्रेडेबल भी हैं, यानी पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते।

इसके लिए सरकार ने ₹53–54 करोड़ का बजट जारी किया है, जो पहले की स्कीमों से ज्यादा है और पूरी तरह पारदर्शी तरीके से खर्च किया जा रहा है।

कैसे हो रही है सप्लाई? (सबसे बड़ी बात)

सरकार ने सप्लाई को पूरी तरह डिजिटल कर दिया है।

·         मोबाइल ऐप

·         रीयल-टाइम डैशबोर्ड

इनकी मदद से यह ट्रैक होता है कि किस आंगनवाड़ी केंद्र पर कितना स्टॉक गया और किस महिला को पैड मिले। इससे चोरी, गड़बड़ी या स्टॉक खत्म होने जैसी समस्याओं पर पूरा कंट्रोल है।

पंजाब के 27,313 आंगनवाड़ी केंद्र इस वितरण की रीढ़ हैं। हर केंद्र से महिलाओं को तय समय पर पैड पहुंचाए जा रहे हैं।

पिछली कांग्रेस सरकार की उड़ानयोजना से तुलना क्यों की जा रही है?

क्योंकि महिलाओं को याद है कि पहले मिले पैड की क्वालिटी बेहद खराब थी।

·         बदबूदार

·         सख्त

·         संक्रमण कराने वाले

·         और कई बार महिलाओं तक पहुँचते भी नहीं थे

उस समय सरकार का सालाना खर्च करीब ₹40.55 करोड़ था, लेकिन ज़मीन पर इसका असर कम नजर आता था।

मान सरकार ने इस पूरी व्यवस्था को बदल दिया है। नया बजट ज्यादा है, पर खर्च सही जगह हो रहा है। महिलाओं को अब क्वालिटी और नियमित सप्लाई, दोनों मिल रही हैं।

दूसरे राज्यों से पंजाब कैसे आगे?

भारत के कई राज्यों में आज भी महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

·         उत्तर प्रदेश में कपड़े का इस्तेमाल आज भी आम है और सप्लाई ठीक नहीं है।

·         बिहार और झारखंड में स्वच्छता दर बहुत कम पाई गई है।

·         मध्य प्रदेश और राजस्थान में कई बार स्टॉक खत्म हो जाता है और दूरदराज इलाकों में पैड पहुँचते ही नहीं।

·         ओडिशा और छत्तीसगढ़ की योजनाएं मजबूत संरचना की कमी से जूझ रही हैं।

लेकिन पंजाब ने एक मॉडल सिस्टमबना दिया है, जिसमें
- अच्छी क्वालिटी
- हर महीने पक्की डिलीवरी
- डिजिटल मॉनिटरिंग
- और मजबूत नेटवर्क
सब कुछ एक साथ हैं।

जमीनी असर महिलाओं की जिंदगी में सच में बदलाव

गांव की गुरप्रीत कौर बताती हैं:
पहले उन दिनों में काम पर जाना मुश्किल था। पैसे भी नहीं होते थे और शर्म भी आती थी। अब हर महीने आंगनवाड़ी दीदी घर पर ही पैड दे जाती हैं। मान साहब ने हमारी छोटी परेशानी को समझा और हमारा सम्मान वापस दिया है।

उन जैसे लाखों महिलाओं को आज पीरियड्स के दौरान न तो शर्म आती है और न डर लगता है। वे पहले से ज्यादा कॉन्फिडेंस के साथ काम पर जाती हैं।

योजना का असली मकसद क्या है?

नवी दिशासिर्फ पैड देने की योजना नहीं है।
यह एक माइंडसेट चेंज है।
यह बताती है कि जब सरकार की नीयत साफ होती है, तो सरकारी पैसा सच में लोगों की जिंदगी बदल सकता है।

यह एक ऐसा सिस्टम है जहां

·         स्वास्थ्य

·         स्वच्छता

·         महिलाओं की गरिमा

·         और पारदर्शिता

सबको बराबर महत्व दिया गया है।

नतीजा क्या निकला?

आज पंजाब की बेटियाँ और महिलाएँ साफ तौर पर कह रही हैं
हमें सिर्फ सुविधा नहीं मिली, हमें सम्मान और सुरक्षा मिली है। सच में, हमारी जिंदगी को एक नवी दिशामिली है।

पंजाब ने महिलाओं की हेल्थ और सशक्तिकरण में देश के बाकी राज्यों को पीछे छोड़कर एक नया स्टैंडर्ड सेट कर दिया है।