Finance मंत्री Harpal Singh Cheema ने PU students पर अत्याचार की कि कड़ी निंदा, BJP को Punjab की शांति भंग न करने की दी चेतावनी

Nov 11, 2025 - 15:30
Finance मंत्री Harpal Singh Cheema ने PU students पर अत्याचार की कि कड़ी निंदा, BJP को Punjab की शांति भंग न करने की दी चेतावनी

पंजाब के वित्त मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब विश्वविद्यालय (PU) के छात्रों पर कथित अत्याचार की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य की भाजपा पार्टी पंजाब और पंजाबियों के खिलाफ नफरत फैला रही हैं और राज्य की शांति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं।

हरपाल सिंह चीमा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भाजपा बार-बार पंजाबियों के हितों और भावनाओं पर हमला कर रही है। उन्होंने तीन काले कृषि कानूनों का उदाहरण देते हुए कहा कि आखिरकार पंजाबियों के शांतिपूर्ण विरोध के कारण मोदी सरकार को उन्हें वापस लेना पड़ा। इसके बाद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के मुद्दे पर भी पंजाब की इज्जत को ठेस पहुंचाई गई, और अब पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है।

पुलिस कार्रवाई और छात्रों के साथ बर्ताव:
वित्त मंत्री ने बताया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज किया, छात्रों की पगड़ी (दस्तार) और छात्राओं की चादरें फाड़ दी गईं। उन्होंने इसे शर्मनाक और अमानवीय करार दिया।

विश्वविद्यालय के लोकतंत्र पर हमला:
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भाजपा विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक ढांचे को भी कमजोर कर रही है। उन्होंने बताया कि पहले सीनेट को खत्म करने की अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन विरोध के बाद इसे वापस लेना पड़ा। अब भाजपा छात्रों के वोट को प्रभावित करने के लिए अपने वोट चोरी फार्मूलाको लागू करने की कोशिश कर रही है।

AAP का समर्थन:
AAP
के वरिष्ठ नेता हरपाल सिंह चीमा ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ खड़ी है। पार्टी के सांसद पहले ही छात्रों से मिल चुके हैं और उनका समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि AAP किसी भी कीमत पर भाजपा को पंजाब विश्वविद्यालय या राज्य की मुश्किल से बनी शांति को नुकसान पहुँचाने की अनुमति नहीं देगी।

ऐतिहासिक उदाहरण और चेतावनी:
हरपाल सिंह चीमा ने पंजाबियों के बहादुरी और बलिदान का उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाबियों ने हमेशा देश और दूसरों की मदद के लिए आगे बढ़कर बलिदान दिया है। उन्होंने 1962, 1965, 1971 के युद्ध और हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए सवाल उठाया कि क्या भाजपा पंजाबियों के योगदान का बदला नफरत से चुकाना चाहती है।

अंत में हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब भाजपा नेताओं को चुनौती दी कि क्या वे पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों का समर्थन करेंगे या अपने पदों की खातिर चुप रहेंगे।