Punjab की विरासत पर BJP का हमला! AAP MP बोले – यह Notification University की Senate को भंग नहीं कर सकता, “Punjab नहीं दबेगा”

केंद्र की BJP सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटी की Senate को अचानक भंग करने का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसे पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी ने पंजाब की स्वायत्तता और विरासत पर सीधा हमला बताया है।

Nov 8, 2025 - 11:29
Punjab की विरासत पर BJP का हमला! AAP MP बोले – यह Notification University की Senate को भंग नहीं कर सकता, “Punjab नहीं दबेगा”

केंद्र की BJP सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटी की Senate को अचानक भंग करने का नोटिफिकेशन जारी किया, जिसे पंजाब सरकार और आम आदमी पार्टी ने पंजाब की स्वायत्तता और विरासत पर सीधा हमला बताया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और AAP ने इस कदम के खिलाफ कड़ा विरोध जताया है। चंडीगढ़ और पंजाब के विभिन्न शहरों में AAP के छात्र संगठन ASAP के हज़ारों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और साफ कहा कि “Punjab दबेगा नहीं!

मंगलवार को चंडीगढ़ की सड़कों पर दिखाई दिया पंजाब का संकल्प

प्रदर्शनकारियों के नारे थे:
“Punjab University
हमारी विरासत है
धक्केशाही नहीं चलेगी
“Punjab
के हक की लूट नहीं होने देंगे

 

छात्रों का कहना था कि केंद्र सरकार का यह कदम सिर्फ प्रशासनिक फैसला नहीं बल्कि पंजाब यूनिवर्सिटी पर नियंत्रण जमाने का प्रयास है। प्रदर्शन में कई छात्र नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ शिक्षा संस्थान का मामला नहीं, बल्कि पंजाब की पहचान और अधिकारों की लड़ाई है।

पंजाब सरकार का रुख साफ

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा:
“Punjab University
सिर्फ एक इमारत नहीं, यह पंजाब की आत्मा है। यहां से भगत सिंह जैसे महापुरुष निकले हैं। इस संस्था की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।
मान ने दोहराया कि पंजाब सरकार इस मामले में किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी।

AAP का आरोप: केंद्र नियंत्रणकी राजनीति खेल रहा है

AAP नेताओं का कहना है कि BJP उन राज्यों में संस्थाओं को कमजोर करने और नियंत्रण करने की कोशिश करती है जहां उसकी सरकार नहीं है। पार्टी ने कहा कि पंजाब में यह कोशिश सफल नहीं होने दी जाएगी।

ASAP का अल्टीमेटम

ASAP संगठन ने ऐलान किया:
यदि तीन दिन के भीतर सैनेट भंग करने का फैसला वापस नहीं लिया गया, तो पूरे पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा।

प्रदर्शन शांति और अनुशासन के साथ हुए, लेकिन उन्होंने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि पंजाब का युवा अब चुप नहीं बैठेगा।

पंजाब यूनिवर्सिटी की विरासत और पहचान

1882 में स्थापित पंजाब यूनिवर्सिटी सिर्फ एक शैक्षणिक संस्था नहीं, बल्कि पंजाब के इतिहास, बुद्धिजीवी आंदोलन और सांस्कृतिक पहचान की धुरी रही है। इसीलिए इस मुद्दे को लेकर छात्रों, शिक्षकों, नागरिकों और सामाजिक संगठनों में गहरी संवेदनशीलता है।

आगे की स्थिति

AAP ने कहा है कि यदि केंद्र सरकार अपना निर्णय वापस नहीं लेती, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। सोशल मीडिया पर भी #SavePunjabUniversity तेजी से ट्रेंड कर रहा है। पंजाब और पंजाबी डायस्पोरा दोनों इस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं।

संदेश साफ है:
“Punjab
दबाया नहीं जा सकता, ना कभी दबा है।