CM Mann ने भेजा Opposition को न्योता, Guru Tegh Bahadur Ji के 350वें शहीदी समागम में दिखी एकता – Politics से ऊपर उठकर मानवता का संदेश
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पुरब समागम पर ऐसा कदम उठाया है जिसने लोगों का दिल जीत लिया है। सीएम मान ने खुद सभी विपक्षी नेताओं को स्पेशल न्योता भेजकर साफ़ कर दिया कि गुरुओं के दरबार में राजनीति की कोई जगह नहीं होती।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पुरब समागम पर ऐसा कदम उठाया है जिसने लोगों का दिल जीत लिया है। सीएम मान ने खुद सभी विपक्षी नेताओं को स्पेशल न्योता भेजकर साफ़ कर दिया कि गुरुओं के दरबार में राजनीति की कोई जगह नहीं होती।
गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान को याद करने के लिए यह एक बड़ा, ऐतिहासिक समागम था, और सरकार ने इसे पूरी तरह गैर-राजनीतिक रखने का फैसला लिया।
विपक्ष के बड़े नेताओं को भी मिला खास निमंत्रण
मुख्यमंत्री मान ने सभी प्रमुख दलों के नेताओं को बुलाया, जिनमें शामिल थे—
· सुखबीर सिंह बादल (अकाली दल)
· सुनील जखड़ (बीजेपी)
· राजा वड़िंग (कांग्रेस)
सबको एक मंच पर बुलाकर मुख्यमंत्री ने एक बड़ा मैसेज दिया कि धर्म और सेवा के मामलों में सब समान हैं, कोई विरोध–सरकार नहीं।
“गुरुओं के सामने सिर्फ श्रद्धा, कोई राजनीति नहीं” – CM मान
समागम में बोलते हुए भगवंत मान ने कहा:
“गुरु तेग बहादुर जी ने मानवता की रक्षा के लिए बलिदान दिया। आज हम सब अपनी राजनीतिक पहचान को एक तरफ रखकर, सच्चे सेवादार बनकर यहां आए हैं। गुरु जी के संदेश सभी के लिए हैं।”
इस बयान ने लोगों के बीच काफी सकारात्मक माहौल बनाया।
समागम की तैयारियाँ—इस बार थी बिल्कुल अलग लेवल की व्यवस्था
पंजाब सरकार ने इस आयोजन को पूरी तरह सेवा और श्रद्धा से जोड़कर तैयार किया।
इस बार की खासियतें—
· कोई राजनीतिक पोस्टर या बैनर नहीं
· मंत्री और अधिकारी सेवादारों की तरह लंगर और व्यवस्थाओं में मदद करते दिखे
· लाखों श्रद्धालुओं के लिए पानी, साफ-सफाई, बैठने की व्यवस्था, मेडिकल सुविधा सब बेहतरीन
· भव्य कीर्तन दरबार, शबद कीर्तन, धार्मिक प्रवचन
· गुरु तेग बहादुर जी के जीवन और बलिदान पर बनी प्रदर्शनियां
· गरीबों और जरूरतमंदों के लिए स्पेशल व्यवस्था
· विशाल लंगर सेवा जो लगातार चलती रही
लोगों ने कहा कि पहली बार ऐसा लगा कि सरकार ने राजनीति हटाकर सिर्फ सेवा और श्रद्धा को आगे रखा है।
लोगों की प्रतिक्रिया – “यही असली सेवा, यही गुरुओं की शिक्षा है”
श्रद्धालुओं ने मुख्यमंत्री की पहल की खूब तारीफ की।
लोगों का कहना था कि—
· जब नेता एक साथ बैठते हैं,
· एक-दूसरे से ऊपर मानवता को रखते हैं,
· और बिना राजनीति के सेवा करते हैं,
तो यही हमारे गुरुओं की असली शिक्षा है।
पंजाब के लोग इसे एक पॉजिटिव मैसेज मान रहे हैं कि राज्य में एकता का माहौल और मजबूत हुआ है।
ये आयोजन पंजाब ही नहीं, पूरे देश के लिए एक संदेश
गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पुरब का यह आयोजन एक बड़ी याद दिलाता है कि—
· इंसानियत सबसे ऊपर है
· राजनीति से ऊपर एकता और भाईचारा है
· गुरुओं की सीख आज भी समाज को रोशनी दिखाती है
यह समागम एक ऐसे दीये की तरह रहा जिसने अंधेरे में भी एकता, सहयोग और भाईचारे का रास्ता दिखाया।